आग (Fire) & आग बुझाने के यंत्र (fire fighting equipment)
आग
(Fire)
ईंधन + ताप + ऑक्सीजन इन तीनों के मिश्रण से आग बनती है ।
ईंधन + ताप + ऑक्सीजन = आग
अथवा
आग एक ऐसी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें ईंधन को आक्सीजन (
O2 ) की उपस्थिति में जलाने पर फलस्वरूप उस्मा के साथ-साथ प्रकाश और उत्पन्न धुआं प्राप्त
होता है ।
आग के
प्रकार (Class of Fire)
आग को छह प्रकार से वर्गीकृत किया गया है -
1. Class ‘A’ Fire - इसमें जितने भी
दहनशील
ठोस (combustible
solid) पदार्थ होते हैं जैसे की लकड़ी, पेपर ,कोयला तथा विभिन्न प्रकार के फैब्रिक
मैटेरियल क्लास ‘A’ फायर के अंतर्गत आते हैं ।
2. Class ‘B’ Fire - इसमें
जितने भी दहनशील तरल (combustible liquid) पदार्थ होते हैं जैसे की
डीजल,
पेट्रोल, तारपीन का तेल, पेंट इत्यादि क्लास ‘B’ फायर के अंतर्गत आते हैं
।
3. Class
‘C’ Fire - इसमें जितने भी दहनशील गैसें (combustible gases) होती हैं जैसे की होती
हैं हाइड्रोजन, मेंथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन एथेन इत्यादि क्लास ‘C’ फायर के अंतर्गत आते
हैं ।
4. Class
‘D’ Fire - इसमें जितने भी दहनशील धातु (combustible metal) होती हैं,
जैसे की एलुमिनियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम इत्यादि क्लास ‘D’ फायर के अंतर्गत आते हैं
।
5. Class
‘E’ Fire – इसमें जितने भी इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट्स,
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, सर्वर रूम इत्यादि में आग लगती है तो इन्हें क्लास ‘E’ फायर के
अंतर्गत रखा जाता है ।
6. Class
‘F’ Fire - इसमें जितने भी किचन में यूज होने वाले oil,Fats आदि होते हैं यदि इनके
द्वारा आग लगती है तो इन्हें क्लास ‘F’ के अंतर्गत रखा जाता है ।
आग लगने
के कारक / कारण तथा उन्हें बुझाने के उपाय :- (Factors
/ causes of fire and measures to extinguish them)
1. बिजली
द्वारा आग (Fire by electricity) –
ढीले कनेक्शन तथा शार्ट सर्किट के कारण यह
आग बिजली द्वारा लगती है और इसे बुझाने के लिए ‘C.T.C. Fire Extinguisher’ का प्रयोग किया जाता है ।
2. तेल
से आग (Fire by Oil) –
तैलीय पदार्थों से लगी आग को आयल फायर कहते
हैं इसे बुझाने के लिए ‘Foam Fire Extinguisher’ का प्रयोग किया जाता है ।
3. गैस
से आग (Fire by Gas) –
गैस द्वारा लगी आग को गैस फायर कहते हैं इसे
बुझाने के लिए ‘Dry Powder Fire Extinguisher’ का प्रयोग किया जाता है ।
4. कार्बोनेसीयस
फायर (Carbonatious Fire) –
जो आग लकड़ी व लकड़ी के कोयले अथवा पक्के
कोयले से लग जाती है उसे ‘कार्बोनेसीयस फायर’ कहते हैं । इसे बुझाने के लिए पानी, रेत
अथवा मिट्टी का प्रयोग किया जाता है इसके अतिरिक्त इसे बुझाने के लिए ‘सोडा एसिड एक्सटिंग्विशर’
का भी प्रयोग किया जाता है ।
आग बुझाने
के यंत्र (fire fighting equipment) –
1. पानी
से भरी बाल्टी (Bucket filled with water)
2. रेत
से भरी बाल्टी (bucket filled with sand)
3. कैनवस
शीट(canvas sheet)
4. अग्निशामक
यंत्र (fire extinguisher)
अग्निशामक
यंत्र (fire extinguisher) –
यह एक विशेष प्रकार का उपकरण है जिसे आवश्यकता पड़ने पर आग
बुझाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है । इस
उपकरण को वर्कशॉप में किसी उचित स्थान पर लटका देते हैं । इसमें आग के प्रकार के अनुसार केमिकल या गैस आदि
भरी होती है, जिससे आग को बुझाया जा सकता है ।
यह मुख्यतः
पांच प्रकार का होता है -
1. Water
fire extinguisher –
Water fire extinguisher का प्रयोग मुख्यतः
क्लास ‘A’ फायर को बुझाने के लिए किया जाता है । [Class ‘A’ Fire - इसमें जितने भी दहनशील ठोस (combustible solid) पदार्थ होते
हैं जैसे की लकड़ी, पेपर ,कोयला तथा विभिन्न प्रकार के फैब्रिक मैटेरियल क्लास ‘A’
फायर के अंतर्गत आते हैं ।] यह कूलिंग
इफेक्ट (Cooling Effect) पर कार्य करता है, मतलब फायर को ठंडा करके उसके प्रभाव को
कम कर देता है । इसके
लेवल का कलर ब्राइट रेड (Bright Red) होता है, जिसके कारण इसे आसानी से पहचाना जा सकता है ।
2. Foam
fire extinguisher –
Foam fire extinguisher का प्रयोग मुख्यतः
क्लास ‘B’ फायर को बुझाने के लिए किया जाता है । [Class
‘B’ Fire - इसमें जितने भी दहनशील
तरल (combustible liquid) पदार्थ होते हैं जैसे की डीजल, पेट्रोल, तारपीन का तेल, पेंट इत्यादि क्लास ‘B’ फायर के अंतर्गत
आते हैं ।] इसके कलर का लेवल क्रीम होता है, जिसके कारण इसे आसानी से पहचाना
जा सकता है ।
3. Dry
Powder fire extinguisher –
Dry Powder fire extinguisher , इसे एबीसी
(ABC) टाइप फायर एक्सटिंग्विशर भी कहा जाता है, क्योंकि यह क्लास ‘A’, क्लास ‘B’ और
क्लास ‘C’ तीनों फायर के लिए यूज किया जाता है । इसे बंद जगह पर या बंद कमरे के अंदर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें जो केमिकल होता है वह आसानी से आपके नाक द्वारा
आपके शरीर में जा सकता है तथा शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है । इसके कलर का लेवल नीला होता
है जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है ।
4. Carbon
Dioxide (CO2 ) fire extinguisher –
Carbon Dioxide fire extinguisher जिसे ‘CO2’
फायर एक्सटिंग्विशर भी कहते हैं ।
इसका
उपयोग मुख्य रूप से बिजली के द्वारा लगी आग को बुझाने के लिए किया जाता है, इसलिए आप
कंप्यूटर सर्वर रूम के अंदर मुख्य रूप से CO2 फायर एक्सटिंग्विशर को देखेंगे। CO2 fire extinguisher को जब हम यूज करते हैं
तो जैसे ही CO2 अप्लाई करते हैं तो यह फायर से ऑक्सीजन को डिस्प्लेस कर देता है और
जब फायर से ऑक्सीजन गायब हो जाएगा तो फायर अपने आप बुझ जाएगा । इसके कलर का लेबल ब्लैक
(Black) होता है, जिससे इसे आसानी से पहचाना
जा सकता है ।
5. Wet
Chemical fire extinguisher -
इस प्रकार के एक्सटिंग्विशर का उपयोग क्लास ‘F’ फायर के लिए किया जाता है । जिसमें कुकिंग ऑयल और Fat से होने वाले फायर शामिल होते हैं । इसका उपयोग कभी-कभी क्लास ‘A’ फायर के लिए भी किया जा सकता है । इसका जब हम प्रयोग करते हैं तो यह वार्निंग सरफेस के ऊपर Foam का एक लेयर बनाता है जिससे कि फायर को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है जिससे फायर बुझ जाती है । इसके कलर लेबल पीला (Yellow) होता है , जिससे इसे आसानी से पहचाना जा सकता है ।
By – ITI Edutech (Mahendra Pratap
Singh)






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