इंजीनियरिंग ड्राइंग और उपकरणों का परिचय (Introduction to Engineering Drawing and Equipment)

 


इंजीनियरिंग ड्राइंग (Engineering drawing)-

  •        इंजीनियरिंग ड्राइंग इंजीनियरों की भाषा है
  •         इंजीनियरिंग ड्राइंग के द्वारा इंजीनियर अपने विचार ड्रॉइंग के द्वारा समझाता है
  •         किसी भी ऑब्जेक्ट का आकार कैसे भी हो सकता है उसके बारे में विचार करने के लिए इंजीनियरिंग ड्रॉइंग का प्रयोग किया जाता है I
  •        गलत ढंग से बनाई गई आरेख किसी भी ऑपरेशन को गलत रास्ते पर ले जा सकता है जिसके फलस्वरूप वस्तुओं का निर्माण गलत हो सकता है

ड्राइंग उपकरण  (Drawing Tools) –

      ड्राइंग बोर्ड (Drawing Board)

      टी-स्क्वायर (T-Square)

      मिनी ड्रॉफ्टर (Mini Drafter)

      सेट स्क्वायर (Set Square)

      फ्रेंच कर्व (French Curve)

      परकार (Compass)

      चांदा (Protractor)

      विभाजक (Divider)

      रबड़ (Eraser)

      ड्राइंग पेंसिल (Drawing Pencil)

      पेंसिल कटर (Pencil Cutter)

 

 


ड्राइंग बोर्ड (Drawing Board) –

      ड्राइंग बनाने हेतु जिस उपकरण पर ड्राइंग शीट सेट की जाती है उसे ड्राइंग बोर्ड कहते हैं

      यह बोर्ड स्टैंड पर रखा जाता है

      ड्राइंग बोर्ड जैतून या  ओक की लकड़ी का बना होता है

      इसे बनाने हेतु विभिन्न पट्टियों (Strips) को दो बैटन(Batten) पर कि स्क्रू (Screw) द्वारा जोड़ा जाता है



 

टी -स्क्वायर (T -Square) –

      टी स्क्वायर यह उपकरण अंग्रेजी अक्षर के  ‘T’ की भांति बना होता है I

      टी स्क्वायर के 2 मुख्य भाग होते हैं हेड तथा ब्लेड दोनों भाग स्क्रू की सहायता से 90 डिग्री पर सेट किए जाते हैं I

      यह पारदर्शक मटेरियल का बना होता है

      इसके प्रयोग के साथ सेट स्क्वायर का होना अति आवश्यक होता है अन्यथा कार्य नहीं हो सकता है I

           ड्राइंग शीट पर होरिजेंटल लाइन खींचने के लिए इस उपकरण का प्रयोग किया जाता है



मिनी ड्रॉफ्टर (Mini Drafter) –

      मिनी ड्रॉफ्टर यह एक ऐसा यंत्र है जो T- स्क्वायर , सेट स्क्वायर, स्केल और प्रोटेक्टर के कार्य को एक साथ पूरा कर सकती है I

      इस यंत्र को ड्राइंग बोर्ड पर क्लैंप किया जाता है, इस यंत्र में दो ग्रेजुएटेड भुजाएं होती हैं जो एक दूसरे से 90 डिग्री कोण पर जुड़े होते हैं I

      इन दोनों भुजा द्वारा वर्टिकल एंड होरिजेंटल लाइन खींची जा सकती हैं I

      इसके भुजाओं को भिन्न-भिन्न कोणों पर रखकर तिरछी लाइनें खींची जा सकती हैं I

      इस यंत्र का स्केल 90 डिग्री का होता है I

      इसके साथ सेट स्क्वायर की आवश्यकता नहीं होती है I

      यह तीन प्रकार के होते हैं -

1.      मिनी ड्रॉफ्टर होरिजेंटल (Horizontal Mini Drifters)

2.      मिनी ड्रॉफ्टर वर्टिकल (Vertical Mini Drifters )

3.      यूनिवर्सल मिनी ड्रॉफ्टर (Universal Mini Drifters)

                  


 

सेट स्क्वायर (Set -Square) –

      क्षैतिज (Horizontal) रेखा खींचने के लिए I

      झुकी (inclined) रेखा खींचने के लिए I

      खड़ी (Vertical) रेखा खींचने के लिए I

      साधारणतः दो किस्मों की सेट स्क्वायर होती हैं I एक 45 अंश  की दूसरी 30-60 अंश की होती है I

      यह त्रिभुजाकार पारदर्शक प्लास्टिक की बनी होती है T-स्क्वायर एवं सेट स्क्वायर की मदद से भिन्न-भिन्न प्रकार की लाइन विभिन्न कोणों पर खींची जा सकती हैं I

      इसके तीनों कोणों का योग 180 अंश होता है


 


 

 

 

 

 

फ्रेंच वक्र  (French curve) –

      फ्रेंच वक्र (French curve) की मदद से असमान वक्र (curve) भी खींचा जा सकता है जिस वक्र को कंपास द्वारा नहीं खींचा जा सकता है I

      यह एक पारदर्शक प्लास्टिक का बना यह अनियमित वक्र होता है, प्रत्येक वक्र की आउटलाइन अलग-अलग हो सकती है I

                        




कंपास (Compass) –

      बड़ी कंपास का उपयोग 50mm से अधिक ब्यास के वृत्त खींचने के लिए करते हैं कंपास के एक लेग में पेंसिल की लीड लगाने की व्यवस्था होती है I

      कंपास की सहायता से अधीव्यास, पूर्णव्यास आकार की वृत्ताकार आकृति की जा सकती है

      छोटी कंपास के द्वारा 25mm से 50mm व्यास के वृत्त व चाप खींचे जा सकते हैं I

                                              


स्केल (Scale) –

      स्केल एक पारदर्शक वस्तु अथवा लकड़ी का बना होता है, स्केल में दो किनारा होता है I

      किसी भी वस्तु का ड्राइंग फुल साइज के अनुसार संभव नहीं होता है और ना आसान होता है, बड़ा वस्तु अर्थात मकान का ड्राइंग स्केल को छोटा करके दर्शाया जाता है तथा छोटे-छोटे मशीन के पुर्जे का ड्राइंग स्केल को बड़ा करके बनाया जाता है I

      यह किसी भी ऑब्जेक्ट के वास्तविक डायमेंशन के अनुपात को दर्शाता है, इसके संबंध में एक स्केल फैक्टर का इस्तेमाल होता है I

         

                                      ड्राइंग में किसी रेखा की लंबाई

                    स्केल फैक्टर =        ---------------------------------

                                                 ऑब्जेक्ट में वास्तविक लंबाई

                                    

 


 

 

 

 

पेंसिल (Pencil) –

      पेंसिल प्राय: लकड़ी की बनी होती है जिसके बीच ग्रेफाइट की पतली लीड होती है I

      पेंसिल का आविष्कार कॉनरैड गजनेर (Conrad Gassner ) ने की थी जिसे फादर ऑफ पेंसिल भी कहा जाता है I

      पेंसिल की कुल 18 ग्रेड होती हैं-

           9H, 8H. 7H, 6H, 5H. 4H, 3H, 2H. H, F, HB, B, 2B, 3B, 4B, 5B, 6B, 7B.

      पेंसिल को तीन भागों में बांटा गया है -

1.      कठोर पेंसिल - 4H,5H,6H,7H,8H,9H

2.      मध्यम पेंसिल – H.2H,3H

3.      नर्म पेंसिल –HB,B ,2B,3B,4B,5B,6B,7B

  

      * 7B सबसे नर्म पेंसिल होती है I

                                


 

प्रोटेक्टर (Protector) –

      प्रोटेक्टर यह पारदर्शक मटेरियल का बना होता है तथा इसके चारों ओर कोण का माप दर्शाया होता है I

      इसका प्रयोग रचनात्मक कार्य करते समय किसी विशेष कोण पर दो रेखाओं को खींचने में तथा दो रेखाओं के बीच के कोण को मापने में किया जाता है I

      यह वृत्ताकार तथा अर्धवृत्त-आकार दोनों प्रकार का होता है

                                                                


 

 

रबड़ (Eraser) –

सीट पर बनी गलत आरेखन को मिटाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है I

नोट - ठोस रबड़ का प्रयोग नहीं करना चाहिए I                            

                                            


ड्राइंग शीट (Drawing Sheet) –

      ड्राइंग शीट एक ऐसा आरेखन पत्र है जिस पर इंजीनियर/ ड्राफ्ट्समैन किसी वस्तु विशेष अथवा अपने विचारों को पेंसिल की सहायता से आरेखित करता है I

      भारतीय मानक के अनुसार ड्राइंग शीट के बाई तरफ कम से कम 30mm जगह अवश्य छोड़नी चाहिए

      ड्राइंग शीट के ऊपरी भाग के दाई ओर तथा नीचे की ओर कम से कम 15 एमएम जगह अवश्य छोड़नी चाहिए

      ड्राइंग शीट के नीचे के भाग के दाएं और कॉर्नर पर थोड़ी से आयताकार जगह छोड़ी जाती है जिसे टाइटल ब्लॉक कहते हैं

                                              



            

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